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Monday, August 15, 2016

नर हो ना निराश करो मन को

कितनी सुंदर पंक्तिया है... सच मे आप जितनी बार पढ़ेंगे ..एक नया अर्थ पायेंगे....चार पंक्तिया एक बार फिर से पढ़ ले :

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